Bhrastachar Chalisa
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श्रीहनुमान चरित मानस के उत्तरकाण्ड में सत्संग के दौरान जब भगवान श्रीहनुमान जी से कलियुग यह प्रार्थना करता है कि उसके युग (अर्थात कलियुग) में जब अधिकांश लोग आंशिक रूप से तथाकथित भक्त और आंशिक रूप से भ्रष्ट भी होंगे तब कलियुग को इन लोगों जे साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?, इस प्रश्न के उत्तर में श्रीहनुमान जी ने भ्रष्टाचार की परिभाषा, स्वरूप, आयाम, प्रकार, उत्तरदायित्व तथा कलियुग के अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के बारे में जो उपदेश दिया था, वह इस भ्रष्टाचार चालीसा में उल्लेखित है।
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